नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में श्रीरामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर रोजाना सुनवाई के तहत शुक्रवार को भी सुनवाई हुई । इस दौरान एक बार फिर से रामलला के वकील सी. एस. वैद्यनाथन ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल 1950 में विवादित क्षेत्र का निरीक्षण हुआ तो उस दौरान यहां राम मंदिर होने के कई मजबूत साक्ष्य मिले थे, जिसमें नक्शे, मूर्तियां, रास्ते और इमारतें शामिल हैं । परिक्रमा मार्ग पर पक्का और कच्चा रास्ता बना था, आसपास साधुओं की कुटियाएं थी । इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुमित्रा भवन में शेषनाग की मूर्ति भी मिली थी। रामलला के वकील ने कहा कि पुरातत्व विभाग की जनवरी 1990 की जांच और रिपोर्ट में भी कई तस्वीरें और उनका साक्ष्य दर्ज हैं । 11 रंगीन तस्वीरें उस रिपोर्ट के एल्बम में हैं जिनमें स्तंभों की नक्काशी का डिटेल चित्रण और वर्णन है ।
रामलला के वकील ने पेश किया नक्शा और रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान रामलला के वकील सी. एस. वैद्यनाथन नक्शा और रिपोर्ट दिखाकर कहा कि जन्मभूमि पर खुदाई के दौरान स्तम्भ पर शिव तांडव, हनुमान और देवी देवताओं की मूर्तियां मिली थीं । इसके अलावा पक्का निर्माण में जहां तीन गुम्बद थे, वहां बाल रूप में भगवान राम की मूर्ति थी ।
कोर्ट ने पूछा था इसे मस्जिद कब से कहना शुरू किया
बुधवार को संविधान पीठ के जस्टिस बोबडे ने रामलला के वकील सी. एस. वैद्यनाथन ने पूछा कि इस जगह को बाबरी मस्जिद कब से कहना शुरू किया गया । रामलला के वकील ने इसपर जवाब दिया कि 19वीं सदी में, उससे पहले के कोई साक्ष्य नहीं हैं । उन्होंने पूछा कि इसका क्या सबूत है कि बाबर ने ही मस्जिद बनाने का आदेश दिया था , क्या इसका कोई सबूत है कि मंदिर को बाबर या उसके जनरल के आदेश के बाद ही ढहाया गया था । इस पर रामलला के वकील ने कहा कि मंदिर को किसने ढहाया इस पर कई तरह के तथ्य हैं, लेकिन ये तय है कि इसे 1786 से पहले गिराया गया था । इसके साथ ही रामलला की तरफ से वकील ने अपनी दलीलें कोर्ट में रखनी शुरू कर दी है । इससे पहले कोर्ट ने एक बार फिर रामलला पक्ष से जन्मभूमि पर कब्जे के सबूत मांगे थे , रामलला विराजमान से पहले निर्मोही अखाड़ा अपने तर्क अदालत में रख चुका है । ।
अब तक क्या हुआ...
बता दें कि 6 अगस्त से इस मसले पर रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके तहत हफ्ते में पांच दिन ये मामला सुना जा रहा है. अभी तक निर्मोही अखाड़ा के वकील, रामलला विराजमान के वकील अपने तर्क रख चुके हैं । शुक्रवार को भी रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन अपने तर्कों को आगे बढ़ा रहे हैं । अब तक रामलला विराजमान के वकील अपने तर्कों में पुराण, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दे चुके हैं । इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि रामजन्मभूमि और मंदिर के साथ करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी है । वहीं रामलला के वकील ने इस बात को भी अदालत में उठाया कि मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले भी ये माना जा चुका है कि रामजन्मभूमि पर मंदिर था ।